त्रिगुण पथ
गहन मौन में यात्रा आरंभ,हृदय में उठती हल्की सरगम।पथ है तीन, पर एक ही धारा,वापस घर को ले चले हमारा। सही समझ मिटाए अंधकार,प्रकाश में लाए सत्य अपार।जहां नाम-रूप सब फीके पड़ें,वास्तविकता के परदे हटें। सही अभ्यास दिखाए राह,बंधनों से मुक्ति की चाह।त्याग से जब बंधन टूटें,शांत धारा में हम झूमें। सही …